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Showing posts from December, 2019

Vilom Shabd in Hindi

Vilom Shabd in Hindi | विलोम शब्द / विपरीतार्थक शब्द शब्दों के अपने निश्चित अर्थ होते हैं – उन अर्थों के विपरीत अर्थ देनेवाले शब्द ( विलोम  शब्द) vilom shabd in Hindi कहलाते हैं । विपरीतार्थक या विपरीत अर्थ देनेवाले शब्द निम्नलिखित विधियों से बनते हैं: 1. लिंग-परिवर्तन के द्वारा : जैसे-भाई-बहन, राजा-रानी, वर-वधू, लड़का-लडकी गाय-बैल, कुत्ता-कुतिया, इत्यादि । 2. भिन्न जातीय शब्द के द्वारा : जैसे- अधम-उत्तम, अधिकतम-न्यूनतम, अनुराग-विराग, आजाद-गुलाम, आगे-पीछे, कड़वा-मीठा, इत्यादि । 3. उपसर्ग की सहायता से : जैसे-ईश्वर-अनीश्वर, आस्था-अनास्था, अस्वस्थ-स्वस्थ, मान-अपमान, अल्पायु-दीर्धायु, अंतर्मुखी-बहिर्मुखी, इत्यादि

Anekarti shabd

Anekarthi shabd-(अनेकार्थी शब्द)की परिभाषा ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, Anekarti shabd (अनेकार्थी शब्द) कहलाते है। दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें 'अनेकार्थी शब्द' कहते है। अनेकार्थी का अर्थ है – एक से अधिक अर्थ देने वाला। भाषा में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है, जो अनेकार्थी होते हैं। खासकर यमक और श्लेष अलंकारों में इसके अधिकाधिक प्रयोग देखे जाते हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें- ''करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।'' (कबीरदास) ''रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चुन।'' (रहीम) ''चली चंचला, चंचला के घर से, तभी चंचला चमक पड़ी।''

Aditya Birla Scholarship

Aditya Birla Scholarship 2019 | Dates, Eligibility, Rewards, Selection and Application Process Aditya Birla Scholarship is awarded every year to meritorious students from the top colleges of India like IITs and IIMs with the sole purpose of motivating them to continue their academic and extra-academic excellence and emerge as pioneering leaders in various sectors.  The scholarship covers their academic as well as hostel fees for the entire course duration provided they maintain a good academic report throughout the duration of their course.

CCRT Scholarship

CCRT SCHOLARSHIP- OVERVIEW, ELIGIBILITY, APPLICATION & REWARDS CCRT Scholarship is an initiative of the Centre for Cultural Resources and Training (CCRT), which is an autonomous institution under the patronage of the Ministry of Culture, Government of India. The CCRT in view of achieving its goals and abiding by its values implements CCRT scholarship to provide facilities to children in the age group of 10-14 years.  The centre generates training programmes for students from all over the country. Every year, approximately 650 CCRT scholarships are awarded by the institution. Apart from this, CCRT also organises exclusive programmes and scholarships for training students who are physically or mentally challenged.

Road Safety Essay

Road Safety Essay | Short Essay on Road Safety Road Safety Essay ! Find high quality essays on ‘Road Safety’ especially written for school, college and university students. These essays will also guide you to learn about the importance, basic rules and awareness on road safety. Road safety is a serious issue and it should be considered with strong efforts to curb road accidents and save lives. The measures undertaken in order to prevent road accidents and ensure safety for all on roads is what road safety is all about. But should it not be that everyone on road should be mindful of his /her safety. Ironically, it is not the case and hence the need has come to discuss about road safety.

Farewell Speech for Students

Farewell Speech for Students | Best Farewell Speech for Outgoing Students in Simple Words Writing the best farewell speech for students shouldn’t be seen as something scary to do. Although, it’s not always easy finding some inspiring words to write in your send-off or goodbye message for students graduating from college or high school. If you can learn the basic skills and knowledge needed in speech writing and with proper planning, you’ll find out that it is not a difficult task for a teacher like you to do to express your good wishes and say goodbye to your students who are leaving the college. To get ideas on what to say or write, here is a short sample you can refer to.

chhand in Hindi

छंद का अर्थ: (छन्द) chhand in Hindi संस्कृत वाङ्मय में सामान्यतः लय को बताने के लिये प्रयोग किया गया है। विशिष्ट अर्थों में छन्द कविता या गीत में वर्णों की संख्या और स्थान से सम्बंधित नियमों को कहते हैं जिनसे काव्य में लय और रंजकता आती है। छोटी-बड़ी ध्वनियां, लघु-गुरु उच्चारणों के क्रमों में, मात्रा बताती हैं और जब किसी काव्य रचना में ये एक व्यवस्था के साथ सामंजस्य प्राप्त करती हैं तब उसे एक शास्त्रीय नाम दे दिया जाता है और लघु-गुरु मात्राओं के अनुसार वर्णों की यह व्यवस्था एक विशिष्ट नाम वाला छन्द कहलाने लगती है, जैसे चौपाई, दोहा, आर्या, इन्द्र्वज्रा, गायत्री छन्द इत्यादि। इस प्रकार की व्यवस्था में मात्रा अथवा वर्णॊं की संख्या, विराम, गति, लय तथा तुक आदि के नियमों को भी निर्धारित किया गया है जिनका पालन कवि को करना होता है।

Alankar in Hindi

परिभाषा: अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह Alankar in Hindi (अलंकार) कहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात् भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनानेवाले चमत्कारपूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है। "अलंकरोति इति अलंकारः"- जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है। भारतीय साहित्य में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं।

Ras in Hindi

रस : रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है।रस को काव्य की आत्मा माना जाता है। प्राचीन भारतीय वर्ष में रस का बहुत महत्वपूर्ण स्थान था। रस -संचार के बिना कोई भी प्रयोग सफल नहीं किया जा सकता था। Ras in Hindi (रस) के कारण कविता के पठन , श्रवण और नाटक के अभिनय से देखने वाले लोगों को आनन्द मिलता है।

Hindi Muhavare

Muhavare (Idioms) (मुहावरे) मुहावरा: सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अथवा विलक्षण अर्थ का बोध कराने वाले पदबन्ध को मुहावरा कहते हैँ। इन्हे वाग्धारा भी कहते हैँ। Hindi Muhavare के अक्सर वाक्य प्रयोग और अर्थ विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। लगभग सभी बोर्ड्स के हिंदी व्याकरण के पेपर में मुहावरे के वाक्य प्रयोग पूछे जाते हैं। अन्य शब्दों में मुहावरे का अर्थ मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है, जो रचना मेँ अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है। रचना मेँ भावगत सौन्दर्य की दृष्टि से मुहावरोँ का विशेष महत्त्व है। लाभ मुहावरे के प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एवं प्रभावपूर्ण बन जाती है। इनके मूल रूप मेँ कभी परिवर्तन नहीँ होता अर्थात् इनमेँ से किसी भी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त नहीँ किया जा सकता। हाँ, क्रिया पद मेँ काल, पुरुष, वचन आदि के अनुसार परिवर्तन अवश्य होता है। मुहावरा अपूर्ण वाक्य होता है। वाक्य प्रयोग करते समय यह वाक्य का अभिन्न अंग बन जाता है। मुहावरे के प्रयोग से वाक्य मेँ व्यंग्यार्थ उत्पन्न होता है। अतः मुहावरे का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसका भावार्थ ग्रहण करना चाहिए।